हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन को अपने संबोधन में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बिना नाम लिए पाकिस्तान और चीन पर निशाना साधा। उन्होंने पाकिस्तान के लिए कहा कि पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्ते और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा न दिया जाए। चीन के लिए उन्होंने कहा कि पड़ोसियों को एक-दूसरे की सीमाओं का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन को उसके घोषणापत्र में आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद की चुनौतियों का दृढ़ता से सामना करने की प्रतिबद्धता की भी याद दिलाई और कहा कि "विश्वास, दोस्ती, सहयोग और अच्छे पड़ोसी की भावनाओं की कमी है इसलिए आपको जवाबदेह होना चाहिए।" पाकिस्तान की अध्यक्षता में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन को डॉ. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधि के तौर पर संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि दो प्रमुख संघर्ष चल रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने वैश्विक निहितार्थ हैं। कोविड महामारी ने विकासशील दुनिया में कई लोगों को तबाह कर दिया है। उन्होंने कहा, "कर्ज एक गंभीर और चिंताजनक मुद्दा है, भले ही दुनिया सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में पीछे है।" प्रौद्योगिकी में काफी संभावनाएं हैं लेकिन यह नई चिंताएं भी पैदा करती है। एससीओ सदस्यों को इन चुनौतियों का जवाब कैसे देना चाहिए, इसका उत्तर हमारे संगठन के चार्टर में निहित है। उन्होंने कहा कि एससीओ का उद्देश्य “आपसी विश्वास, मित्रता और अच्छे पड़ोसी को मजबूत करना है, इसका उद्देश्य बहुपक्षीय सहयोग, विशेष रूप से क्षेत्रीय प्रकृति के सहयोग को बढ़ावा देना है।”